बेंगलूर। अगर आप इस शहर में किराए पर मकान ढूंढने की तैयारी में हैं तो ज़रा ख़ास तैयारियों के साथ किस्मत आज़मायें। हो सकता है कि आपको अपनी पहचान के साथ ही चरित्र का भी सर्टिफिकेट पेश करना पड़े। खासकर अगर आप बैचलर और युवा हैं। बेंगलूर में मकान मालिक अब अकेली या गैर शादी-शुदा युवतियों को घर देने से पहले उनसे कंपनी के लेटर हेड पर कैरक्टर सर्टिफिकेट बनवाने की मांग कर रहे हैं।
अगर इस बात पर गौर करें कि बेंगलूर में संभ्रांत तबके के ज्यादातर लोग गैर शादी-शुदा हैं तो मकान मालिकों की इस मांग का काफी बड़ा असर होगा। 29 साल की एक फाइनैंस प्रफेशनल का गुस्सा तब सातवें आसमान पर चढ़ गया, जब मकान मालिक ने उससे 'कैरक्टर' सर्टिफिकेट की मांग कर डाली।वह बताती हैं, 'मुझे और मेरे परिवार को एक मकान पसंद आया। वह सस्ता था और दूसरा इससे ऑफिस आने-जाने में सहूलियत थी। ब्रोकर हमें मकान मालिक के घर कोरमंगला ले गया, जहां हमें किराये और डिपॉजिट अमाउंट की बात करनी थी। पर तब हमें बेहद धक्का लगा जब हमसे कैरक्टर सर्टिफिकेट मांगा गया। हम में से कोई भी शादीशुदा नहीं था, इसलिए हमसे ऐसे सर्टिफिकेट की मांग की जा रही थी।'
यही नहीं उससे यह भी पूछा गया कि क्या कभी वह देर रात भी घर आती है। गुस्से से आगबबूला होकर उसने कहा, 'इस बात को पूछने का क्या मतलब बनता है ? क्या किसी को अच्छे कैरक्टर का बनने के लिए 20 साल की उम्र में शादी कर लेनी चाहिए? मैं आज जहां हूं, वहां तक पहुंचने के लिए मैंने कड़ी मेहनत की है। मैं खुद को बेइज्जत करने का हक इस तरह किसी को नहीं दे सकती।'
इस तरह के हालात से दो-चार होने वाली यह युवती अकेली नहीं हैं। यहां तक कि रिहायशी इलाकों के कई 'पॉश' अपार्टमंट्स भी खासतौर पर किराएदार बनना चाह रहे सिंगल शख्स से काफी बुरा बर्ताव करते हैं।
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