Wednesday, April 1, 2009

बेंगलूर का सेकंड हैंड कार बाजार टाटा "नैनो' से आशंकित


बेंगलूूर। अपने वादे के अनुरूप भारत की सबसे बड़ी वाहन निर्माता कंपनी टाटा मोटर्स ने भले ही दुनिया की सबसे सस्ती लखटकिया कार "नैनो' भारतीय बाजार में उपलब्ध करवा दी है लेकिन इस कार के बारे में शहर में कोई खास चर्चा सुनने को नहीं मिल रही है। यहां के कार प्रेमियों की जमात सिर्फ कीमत के आधार पर किसी कार के बारे में अपना मत बनाने को तैयार नहीं हैं। यहां की सड़कों पर अन्तरराष्ट्रीय रूप से मशहूर तथा करोड़ों रुपयों की कीमत वाली विलासितापूर्ण कार मॉडलों को इठलाते हुए चलते देखा जाता है। इस बाजार में सिर्फ सस्ता होना किसी कार का आकर्षण नहीं माना जाता है। बहरहाल, बेंगलूर में एक विशेष कार बाजार नैनो लांच होने के बाद लगातार चिन्ताएं जता रहा है। यह सेकंड हैंड कारों का बाजार है। इस बाजार को टाटा की सस्ती कार से अपने धंधे में प्रतियोगिता बढ़ जाने की आशंका दिखने लगी है। नैनो को बाजार में लांच करने के लिए जो समय चुना गया है उससे सेकंड हैंड कार बाजार की चिन्ताएं अधिक बढ़ गई हैं।
कुछ सेकंड हैंड कार डीलरों का कहना है कि एक तो इस समय वैश्विक आर्थिक मंदी के कारण बेंगलूर के कार प्रेमी भी नई-पुरानी कारों से अपनी दूरी बनाए हुए हैं, दूसरे नैनो के बाजार में आने से उनके लिए मामला अधिक गंभीर हो जाएगा। पहले बेंगलूर में सेकंड हैंड कारों की मांग भी इतनी अधिक होती थी कि इस बाजार में आने वाले सेकंड हैंड कारों के नए स्टॉक भी दो या तीन दिनों में बिक जाते थे। अब अगर नैनो के रूप में टाटा ब्रांड की चमचमाती नई कार लोगों को मिलने लगती है तो पुरानी कारों की तरफ कौन रुख करेगा?
इस आशंका के मद्देनजर कई सेकंड हैंड कार डीलर अपने स्टॉक को आनन-फानन में समाप्त करने की कोशिशों में जुट गए हैं। हालांकि नैनो कार की बिक्री औपचारिक रूप से शुरू कर दी गई है लेकिन सड़कों पर यह कार दिखने में अभी कुछ समय और लगेगा। इस समय का सदुपयोग करने के लिए कई डीलर अपने संभावित ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए कई विशेष पेशकश भी कर रहे हैं। इनमें खास रियायती कीमतों के साथ ही बिक्री के बाद सर्विसिंग की सुविधा तथा रियायती मूल्य पर कारों के पुर्जे उपलब्ध करवाने की पेशकश भी शामिल है। इनकी वजह से डीलरों के फायदे का आंकड़ा काफी कम हो गया है। उन्हें पुरानी कारों पर अधिक-से-अधिक 3 फीसदी का लाभ मिल पा रहा है। पहले लगभग 15 फीसदी के लाभ पर कारों की बिकवाली करने वाले डीलरों के लिए यह बड़ी समस्या है। इस स्थिति के लिए वे नैनो की लांचिंग को ही मुख्य कारण मानते हैं।
इस बारे में मिली एक दिलचस्प जानकारी के मुताबिक, इन दिनों बेंगलूर के सेकंड हैंड कार बाजार में पुरानी कारों की नीलामी का दौर अधिक चल रहा है। इसके लिए वैश्विक मंदी की चपेट में आए कार मालिकों की नौकरी छूटना या वेतन में कटौती मुख्य वजह माने जा रहे हैं। जिन कार मालिकों ने विभिन्न वित्तीय संस्थाओं से ऋण लेकर कार खरीदे थे, वे ब्याज या ईएमआई न दे पाने की स्थिति में अपनी कार जब्त करवा देने में ही अपनी भलाई मान रहे हैं। इस कारण से जब्त की गई कारों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इन्हें सेकंड हैंड कार बाजार में लाकर नीलाम किया जा रहा है। इससे पुरानी कारों के बाजार पर नया दबाव भी बन रहा है।

मारुति के माथे पर भी पड़ा बल
कार बाजार के जानकारों का कहना है कि नैनो कार को बाजार में लांच किए जाने का असर सिर्फ सेकंड हैंड ही नहीं बल्कि मारुति 800 जैसी कारों पर भी पड़ने वाला है। यह बात मारुति उद्योग लिमिटेड के आधिकारिक सूत्र भी मानने लगे हैं। हाल में नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मारुति उद्योग लिमिटेड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने स्वीकार कर लिया कि भारत में कारों से होने वाले उत्सर्जन के नियमन के लिए "भारत स्टेज-3' (बीएस-3) मानदंडों को लागू किए जाने के बाद कंपनी को मारुति 800 में कई तकनीकी सुधार करने होंगे। इस सुधार के बाद मारुति 800 के पारंपरिक बाजार के लिए इस श्रृंखला की कारों की कीमतें आकर्षक नहीं रह जाएंगी। लोग महंगी मारुति खरीदने की बजाय टाटा की नैनो कार खरीदना अधिक पसंद करेंगे।

2 comments:

  1. नैनो...........की जय हो..
    एक कार ने इतनी हलचल मचा दी दुनिया में

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  2. चाहे किसी को रोटी मिले न मिले,लेकिन कार जरूर मिलेगी.........

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